Menu
blogid : 6348 postid : 200

कानून नहीं तन्त्र बदलो

socailesue
socailesue
  • 73 Posts
  • 155 Comments

दिल्ली में एक बार फिर एक मासूम दरिन्दगी का शिकार हुईं। घटना के विरोध में लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस का अमानवीय चेहरा फिर सामने आया। अस्पताल में एसीपी स्तर के एक अधिकारी ने प्रदर्शन कर रही युवती को तमाचा जड़ दिया। आपको याद होगा कि इसी तरह पुलिस की बरर्बता बुलन्दशहर में हुई रैप की घटना के बाद सामने आयी थी। जहां पुलिस ने पीडि़ता को हवालात में डाल दिया था। बिजनौर मेंं भी पुलिस ने दुष्कर्म पीडि़ता को थाने में पीटा था। और उसके पिता को हवालात में डाल दिया था। अलीगढ़ में दुष्कर्म की एक घटना से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठियां बरसायीं थीं। यहां सवाल यह है कि जब कानून के रखवाले ही बर्बर हो चले हों तो फिर पीडि़तों को न्याय कैसे मिल पायेगा। कितना अजीब है कि हमारी पुलिस न तो अपना कर्तव्य निभाना चाहती है और न ही अपने खिलाफ कुछ सुनना चाहती है। पीडि़तों के साथ ज्यादती करना उसका शौक बन गया है। शायद इसीलिए अपराधियों के हौसले बुलन्द होते जा रहे हैं। पिछले वर्ष दिल्ली में चलती बस में एक युवती निर्भया के साथ बलात्कार हुआ था। तब पूरा देश आक्रोशित हुआ था। दिल्ली इस कांड को लेकर उबल पड़ी थी। लोग घरों से निकलकर देश का नेतृत्व करने वालों के दरवाजे पर पहुंंचे थे। उसके बाद जनाक्रोश को शान्त करने के लिए सरकार ने बालात्कारियों को दंड देने के लिए कड़ा कानून बनाया। लेकिन न तो समाज में कोई सबक सीखा,न पुलिस ने। कड़े कानूनों के बावजूद देश में दुष्कर्मों की बाढ़ सी आ गई। समझ में नहीं आता कि इस महापाप के कारण क्या हैं? आखिर पाशविक हो चले समाज को मानव समाज में कैसे बदला जाए? समाज का आक्रोश दुष्कर्मियों को भयभीत करने में असफल क्यों हो रहा है? शायद इसलिए कि हमने जीवन मूल्यों और मर्यादा को दफन कर दिया है। इसका बड़ा कारण है कि अपराधियों को पुलिस और कानून का कोई खौफ नहीं है। पुलिस अपने आचरण से शर्मसार हो रही है। हम चाहते हैं कि भविष्य में दुष्कर्म की घटनाएं न हों,तो इसके लिए समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच को बदलना ही होगा। साथ ही भ्रष्टïतन्त्र को दुरस्त करना होगा। राजनीतिक दखलन्दाजी भी बंद करनी होगी। इसके अलावा पुलिस की मानसिकता और रवैये को बदलने की जरूरत है। यानी पुलिस सुधार अब बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन बिडम्बना यह कि हमारे नीति-नियन्ता इसके लिए तैयार नहीं दिखते हैं। खैर जो भी हो यह सब किये बिना अकेला कानून कुछ नहीं कर सकेगा। साथ ही कानून व्यवस्था में सख्ती लाना असम्भव रहेगा। जब कानून व्यवस्था सख्त होगी,तब दुष्कर्म की घटनाओं पर अंकुश लगाना आसान हो सकेगा।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply